औरत क्या होती हे ?

औरत क्या होती हे , तू क्या जाने गालिब ,
नसल जीसकी पैदा होती हे खुदा से,
ओ अर्जु ए शायर भी नरम होता हे,
 औरत एक कामयाब उसुल हे खुदा का ,
 जिसे देखके भी मर्द गुलाम होता हे , 
औरत क्या होती हे औरत क्या होती हे तू क्या जाने गालिब ||
बेहते मन पानि का एतराज ना कर ,
औरत उसको भी अपनी तरफ मुडा देती हे ,
या रब ने खुंकार जोश पैदा किया ,
या रब ने ये जुनुन को पैदा किया
 ये जन्नत इसिनेही बनाई ,
 औरतने उसिको होश दिलाई ,
जिने की तमन्ना रखता हुवा बच्चा बी
 उसकी गोद मे सांस लेता हे ,
 या रब का शोकन भी उसीके लिये तडपता हे,
 औरत जो होती हे ,
आये होसले की झुलफत के हर पने पने पर ,
 औरत वो होति हे ,
दिलके हर धडकन के जीने जीने पर ,
औरत क्या होती हे ,
तू क्या जाने गालिब
 औरत क्या नाही होती हे
 सिर्फ तू ही जाने गालिब 🙏
|| @ऋषीकेश १०.१४ pm ...... दसरा 30 / 09 / 2017

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